एक ऐसी रासायनिक प्रतिक्रिया जिससे ऊष्मा और प्रकाश दोनों निकलता है उसे आग कहते है । इस रासायनिक प्रतिक्रिया की कुछ शर्तें है जैसे इसके हवा खासकर ऑक्सीजन की मौजूदगी होना और एक जलने योग्य पदार्थ और आवश्यक तापमान का होना जरूरी है । आग कही और कभी भी लग सकती है। आग एक ऐसी चीज है ना उसका कोई आकार होता है ,और नाहीं उसका कोई स्थायी रंग होता है ।
आग लगने जैसी दुर्घटना को हम पुरी तरह से रोक नही सकते है। इस दुर्घटना के होने वाले नुकसान को कम कर सकते है तथा आग लगने पर बचाव कि जानकारी होना भी जरुरी है । खासकर गरमियो के मौसम मे तापमान अधिक होने के कारण आग लागणे कि दुर्घटनाये ज्यादा होती है । आग में जलकर कई लोगों की मौत हो गई है। आग लगने पर लोगों के बीच घबराहट होना आम बात है । लेकिन अगर ऐसे दुर्घटना में कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो कई लोगोकी ज़िंदगियां बच जाती। तो आईए जानते है कि आग लगने पर क्या करना चाहिये ।
आग लगने पर क्या करे
आग से घिर जाने पर खिड़की, दरवाजों आदि पर जाकर भोर मचाकर बाहर के लोगों से मदद मागें । अपने कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं। जमीन पर लेट कर अथवा कम्बल लपेट कर उसे बुझाने की कोशिष करें । आग लगने जगा से जलने वाला बस्तु को साइड से हटा सकते हो तो हटाने का कोसिस करना चाहिए किऊ की आग को जलने केलिते बस्तु ना मिलने पर आग रुक जाएगी।
ये सब करने टाइम खुद को सेफ्टी रख के करना है। कम आग को जल्दी से जल्दी कण्ट्रोल किया जा सकता है। इसलिए जब मालूम पड़ता है की अभी आग लगा हो तो फ़ास्ट आग को भुजाने की कोसिस करना चाहिए। आग लगने पर डरना नहीं चाहिए साहस के साथ उसको कण्ट्रोल करने को कोसिस करना है।
ध्यान रखिये ज्यादा आग लग जाने पर चीला चीला के सबको बुलाना चाहिए। ज्यादा लोग मिलके आग को भुझा सकते है। खुद को सेफ्टी में रखके आग को भुझाने केलिए हमेशा कोसिस करना है किउ की उस टाइम कम आग लगी होती है ओर उसको हम कण्ट्रोल कर सकते हैं।
आग से पीडित इंसान को कैसे ट्रीटमेंट करें
- सर्वप्रथम पीडित को कम्बल से लपेट दे ।
- तुरंत १०१ नंबर पर फायर ब्रिगेड को कॉल ( call ) करके सूचना दे ।
- फायर अलार्म को सक्रिय करे ।
- पीडित को जल्दी से जल्दी तत्काल अस्पताल पहुचाये ।
- आग -आग ऐसे जोर जोर से चिल्लाकर लोगोको सचेत करे कि आग लगी है ।
- नाक और मुह को गिले कपडे से ढक ले ।
- दुर्घटना हुए स्थल के नजदिक भीड न लगाये ।
- आग पर निष्क्रिय ग्यास छोडकर ऑक्सिजन कि पहुच कम करे ।
- आग पर ड्रई पावडर छिडके ।
आग लगने से कैसे बचे और किन बातो का रखे ध्यान ?
- अपने घर तथा कार्यालय में स्मोक डिटेक्टर लगाएं।
- घर में बेवजह की रद्दी यांनी पेपर प्लास्टिक व कचरा न रखे क्योकी , ये वस्तू मे जल्द आग पकड़ते हैं।
- खेत में सूखी घास, लकड़ियां आदि महफूज जगह पर रखे ।
- अपनी इमारत (Building) की समिति को हर छह महीने में अग्निशमन अभ्यास कराए ।
- अग्निशामक यन्त्र का उपयोग कब और कैसे करना है ,इस बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिये ।
- अग्नी सीढ़ी खरीदते समय सुरक्षा प्रमाणित सूचिबद्ध ब्रान्ड कि तलाश करे ।
- कभी भी घरमे या इमारतो में जलती हुई मोमबत्ती या दिया अकेले न छोड़ें ।
- अन्य उद्देश्य के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग न करें।
- अपने काम के स्थान को स्वच्छ और व्यवस्थित रखें।
- रासायनिक बोतल को हाथमे न ले ।
निष्कर्ष
हम सभी के लिये हमारा घर निस्संदेह हमारे दिल के करीब है । इस प्रकार, आग से अपना घर खोने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक विनाशकारी अनुभव हो सकता है। जैसे कि कहा जाता है, “रोकथाम इलाज” से बेहतर है ऊपर बताए गए अग्नि सुरक्षा कदम उठाए हैं, तो आप घर में आग लगने से बच सकते हो या उसे रोकने में सक्षम हो सकते हो ।
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