नींद एक जीवन का प्राकृतिक मानसिक और शारीरिक अवस्था कम सोने के वजह से नींद की कमी शरीर को ऊर्जाहीन बना देती है। इसके कारण हमे दिन भर थकान लगना आलस आना सुस्ती लगना जैसे समस्या का सामना करना पड़ता है। थकान लगने के वजह से काम में मन नहीं लगता है मूड ख़राब रहता है।है। नींद से हर एक व्यक्ति की चेतनाएं अस्थायी रूप से कम हो जाती है। और नींद से शरीर को आराम मिलता है। नींद एक चक्रीय प्रक्रिया है। इससे हमारे शरीर और दिमाग को ऊर्जा बहाल करता है।
नींद एक ऐसी स्थिति है जो मनुष्य तथा अन्य जीवो के लिए यह बहोत ही जरुरी है। अगर एक दिन भी अगर नींद न लिया जाये तो हमे चिड़चिड़ा होना सिर दर्द देना , किसि काम में मन न लगना , थकन महसूस होना जैसे समस्याएं होने लगती है।
इसलिए हमें नियमित रूप से उपयुक्त नींद लेना चाहिए। नहीं ले सके तो कई गंभीर समस्याएं हो सकती है। तो जानते है कम नींद लेने से हमारे स्वास्थ्य को कौन कौन से प्रॉब्लम हो सकते है और उसका निवारण कैसे करे इसके बारे में जानते है।
कम सोने से क्या क्या समस्याएं हो सकते है।
कम सोने से या नींद की कमी के कारण शारीरिक और मानसिक गंभीर नकारात्मक समस्याओ का सामना करना पड़ता है। तो जानते है कौन कौन से समस्याएं है।
तनाव और चिंता बढ़ना
नींद की कमी के कारण तनाव के हार्मोन का स्तर बढ़ता है जिससे हमे चिड़चिड़ा , घबराहट और गुस्सा आने लगता है। नींद पूरी न होने पर दिमाग का भय केंद्र कुछ ज्यादा रिएक्ट करता है जिसके वजह से छोटी छोटी बातो पर भी चिंता आने लगता है। और मन अशांत रहता है। और रोने का मन करता है दिल धड़कने तेज हो जाती है। दिमाग में नकारात्मक सोच आते है।
याददाश्त कमजोर होना
हमारा याददाश्त कमजोर हो जाना यह कम सोने से होने वाला एक गंभीर समस्या है। जब पर्याप्त नींद नहीं ली जाती है तो उसका असर सीधा हमारे दिमाग पर होता है तब हमारी याददाश्त कम हो जाती है जिसके कारण हमे किसी सुचना को दूसरे तक पहुंचाने में दिक्कत होती है। किसी सब्जेक्ट को सिखने या यद् रखने में भी दिक्कत होती है।
थकान और सुस्ती आना
कम सोने के वजह से नींद की कमी शरीर को ऊर्जाहीन बना देती है। इसके कारण हमे दिन भर थकान लगना आलस आना सुस्ती लगना जैसे समस्या का सामना करना पड़ता है। थकान लगने के वजह से काम में मन नहीं लगता है मूड ख़राब रहता है।
एक्सीडेंट का खरता बढ़ना
नींद पूरी न होने के कारण से रिएक्शन टाइम धीमा हो जाता है। कोई बात का निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। सतर्कता धीमी कमजोर हो जाती है जिसके वजह से अगर किचन में काम कर रहे है तो गार्डन बर्तन को पकड़ लेना , सब्जी काट रहे है तो चक्कू से ऊँगली काट जाना , ग्यास पर कुछ खाना पक रहा है ध्यान न जाने पर ओ खाना जल जाना और कभी ग्यास चालू ही रख देना जिसके कारण आग लग जाना जैसे दुर्घटना का खतरा रहता है।
कभी हम रास्ते में चल रहे है और झपकी आ रही है तो उस समय गाड़ी ठोककर जाने की संभावना रहती है या हम खुद ड्राइविंग कर रहे है तो उस समय फटाकसे इमर्जेन्सी ब्रेक न मारने पर एक्सीडेंट की संभावना रहती है।
कभी कोई कंपनी कारखाने में अगर मशीन पर काम कर रहे है तो ध्यान भटकने के कारण मशीन में हाथ चले जाना जैसे गंभीर दुर्घटना का संभावना रहता है। अगर किसी मेडिकल प्रोफेशनल डॉक्टर या नर्स हो तो कोई दवाइया देने में गलतिया हो जाये तो बहोत बड़ा खतरा का सामना करना पड़ता है।
अगर घरमे छोटे छोटे बच्चे है बुजुर्ग है तो उनको सँभालने में लापरवाही हो सकती है। बच्चे है तो हमारा ध्यान भटका रहेगा उस समय बच्चे घर पर सीडी से गिर सकते है। कभी रासे के आस पास है तो बच्चे रस्ते पर जा सकते है। बुजुर्ग है उनको कोई तकलीफ हुई है तो वह हम ध्यान न देने पर अकेले जाते समय गिर सकते है। इस तरह के दुर्घटना का खतरा रहता है।
वजन कम होना
नींद की कमी के कारण तनाव हार्मोन्स बढ़ता है और शरीर को ज्यादा कैलोरी बर्न करने के लिए मजबूर करता है। जिससे शरीर में बहोत कमजोरी आती है। नींद पूरी न होने के कारण भूख बढ़ने वाला हार्मोन कम बनता है जिससे भूख नहीं लगती है बहोत कम भूख लगती है ना के बराबर। न खाने के कारण कमजोरी आती है पौष्टिक तत्व बॉडी को नहीं मिलता है और वजन कम होते जाता है।
हार्मोनल असंतुलन होना
नींद की कमी के कारण तनाव हॉर्मोन्स बढ़ जाते है जिससे हमारी तनाव चिंताए बढ़ती है। शरीर की इम्युनिटी कमजोर होते जाती है और ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं रहती है जिससे हार्मोनल असंतुलन हो जाता है। पर्याप्त नींद लेने से ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन रिलीज होता है जिससे हमारे शरीर के माँसपेशियो कि मरम्मत करता है और हड्डियोंको स्वास्थ्य रखता है। कम नींद के कारण ह्यूमन ग्रोथ हॉर्मोन कम बनता है फिर शरीर की रिकवरी धीमी धीमी होती जाती है जिसके कारण हार्मोनल असंतुलन बना रहता है।
सेक्स हॉर्मोन्स पर असर पड़ना
नींद की कमी के कारण पुरुष हॉर्मोन और महिला हॉर्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। जिससे सेक्स प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ता है। रातमे गहरी नींद के समय शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का सबसे अधिक उत्पादन होता है। जिसके कारण शुक्रणुओंकी संख्या और गुणवत्ता पर असर पड़ता है और सेक्स प्रक्रिया ,में इच्छा नहीं रहता है। थकन और मूड भी स्विंग्स हो जाता है।
कम सोने से होने वाले समस्याको दूर कैसे करे ?
अगर कम सोने से होने वाले गंभीर समस्याओ को हम जड़ से हटा सकते है। अगर आप निचे दिए गए नियमो का पालन करते है तो हमे उन समस्याओंका सामना नहीं करना पड़ेगा। तो जानते है कौन कौन से नियम है।
- रोजाना पर्याप्त (7 से 8 घंटे की ) नींद ले।
- रात 10 से 11 बजे तक सोने की आदत डाले।
- सोनेका एक सही टाइम बनाये और उस समय पर सो जाये।
- सोने से एक घंटे पहले ही मोबाइल टीवी कंप्यूटर तथा लैपटॉप का उपयोग बंद करे।
- चाय कॉफी और अल्कोहल का सेवन ना करे।
- अँधेरे और शांत कमरे में सोये।
- रातको संतुलित और हल्का खाना खाये।
- सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाएं।
- योग निद्रा और प्राणायाम करे।
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